Prime Minister Dr Manmohan Singh had on Oct 25, 2010 appointed a High Level Committee (HLC) under chairmanship of former Comptroller and Auditor General Shri V K Shunglu to look into look into various aspects of corruption and other issues relating to the organizing and conduct of Commonwealth Games 2010. The committee has submitted six reports on broadcasting, Games Village, city infrastructure, Games venues, Organising Committee and main report — Organisation and Conduct of CWG 2010.
The Sunnglu Committee in its various Reports has cited instances of irregularities, procedural lapses, delay in execution of the works, financial loss to the Government, favouring of Contractors, not following the proper procedure in awarding contracts, use of sub standard material and purchase of material at higher cost, irregular appointment of various staff/consultants, lack of supervision/control over the contractors/staff etc. It has in some cases also recommended investigations by various agencies. Apart from the Central Bureau of Investigation, the Enforcement Directorate and the Income Tax authorities are also investigating alleged irregularities. The Central Vigilance Commission (CVC) is also examining various complaints regarding the Games. The other recommendations of the HLC including those related to corrective action are also being examined carefully by the Government in consultation with the Ministries concerned.
In response to RTI query filed by Dr Mohammed Naved Khan , member of RTI Group and who teaches at Department of Business Administration, Faculty of Management Studies & Research, Aligarh Muslim University, Ministry of Youth Affairs and Sports has provided that Shunglu Committee had spent roughly Rs 4 Crores (Rupees 40,000,000) in the first 4 months alone.
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Dainik Jagran, National Edition, New Delhi, Dec 10, 2011, Front Page
शुंगलू समिति ने चार माह की जांच में खर्च किए चार करोड़
अलीगढ़, जागरण संवाददाता : राष्ट्रमंडल खेल घोटाले की जांच करने वाली शुंगलू समिति ने चार माह में करीब चार करोड़ खर्च किए थे। एक आरटीआइ अर्जी के जवाब में इसका खुलासा हुआ है। गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में मनमाने खर्चो और गलत फैसलों की जांच के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आदेश पर वीके शुंगलू की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया गया था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस स्टडीज के फैकल्टी मेंबर और आरटीआइ कार्यकर्ता डॉ. नवेद खान ने इस संबंध में सूचना मांगी थी। दैनिक जागरण के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि शुंगलू समिति ने चार महीने में करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कॉमनवेल्थ घोटाले की जांच के लिए कैबिनेट सचिव ने 25 अक्टूबर 2010 को आदेश जारी किए थे। वीके शुंगलू की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। सदस्य थे शांतनु कंसुल। कमेटी को जांच का काम पूरा करने के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में दफ्तर दिया गया था। खेल मंत्रालय को हिदायत थी कि वह जांच संबंधी दस्तावेजों को लाने-ले जाने और दूसरी प्रशासनिक जरूरतों में मदद करे। कमेटी ने 24 अक्टूबर को आदेश मिलने के साथ महा-खेल की जांच शुरू की। 23 मार्च तक कमेटी ने तनख्वाह पर 48.07 लाख खर्च किए। कार्यालय पर 14.18 लाख खर्च हुए हैं। सबसे ज्यादा पैसा फूंका गया प्रोफेशनल एक्सपेंसेस (जांच के लिए जुटाए गए संसाधन और सुविधाओं पर खर्च) पर। इसमें तीन करोड़ 39 लाख 32 हजार 250 रुपये खर्च आया है। कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट 29 जनवरी-2011 को दाखिल की थी, जिसके आधार पर केंद्र जांच सीबीआइ को सौंप दी।
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